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नीलगिरी की खेती

कहीं आपके खेत में भी तो नहीं है ये खतरनाक पेड़, कर देगा भूमि को बंजर

कहीं आपके खेत में भी तो नहीं है ये खतरनाक पेड़, कर देगा भूमि को बंजर

खेतों में फसल के साथ-साथ मेड़ पर कई तरह के पेड़ किसानों द्वारा लगवाए जाते हैं। आर्थिक रूप से काफी उपयोगी होने के कारण किसान अब आम, अमरूद, जामुन, शीशम और नीलगिरी (Eucalyptus) की बागवानी को अपना रहे हैं। एक बार जब ये पेड़ बड़े हो जाते हैं, तो किसान इन्हें बाज़ार में बेच कर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि कुछ ऐसे पेड़ भी हैं, जिन्हें अगर आपने गलती से खेत में लगा लिया तो 4-5 साल के अंदर ही वो आपकी पूरी भूमि को बंजर कर सकते हैं। खेती-किसानी से अतिरिक्त मुनाफा कमाने के लिए अब किसान अपने खेत की मेडों पर अलग अलग तरह के पेड़ लगाते हैं। 4-5 साल के अंतराल में ये पेड़ बड़े हो जाते हैं, और इन्हें लकड़ी या अन्य चीजों के लिए बाज़ार में जाकर बेचा जा सकता है। इससे कई बार अच्छा मुनाफ़ा भी मिल जाता है। कई पेड़ों को ज्यादा देखभाल की आवश्यकता नहीं होती, सिर्फ मिट्टी और जलवायु के अनुरूप बड़े हो जाते हैं। लेकिन कुछ पेड़ों को देखभाल के साथ-साथ निगरानी की भी सख्त जरूरत होती है। जरा-सी लापरवाही और किसान की खेती में नुकसान हो सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि नकदी खेती में शामिल यूकेलिप्टस (Eucalyptus) यानी नीलगिरी का पेड़ खेती योग्य जमीन के लिए खास अच्छा नहीं होता। ये आपकी जमीन से सभी तरह के पोषक तत्व खींच लेता है और कुछ ही समय में खेत की भूमि को बंजर बना सकते हैं।

एक्सपर्ट्स का क्या है कहना

अगर प्रोडक्ट्स की बात की जाए तो नीलगिरी के पेड़ से लकड़ी, तेल और पशु चारा मिलता है। इसके साथ ही इस पेड़ को उगाना भी बेहद आसान है। जमीन पर पौधों की रोपाई के बाद 5 साल के अंदर पौधा तैयार हो जाता है यानी 5 साल के अंदर किसान नीलगिरी की खेती करें। एक ही बार में लाखों की कमाई हो सकती है। लेकिन कमाई के चक्कर में किसानों को बहुत कुछ गंवाना भी पड़ सकता है। ये पेड़ आपके खेत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।
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एक्सपर्ट बताते हैं कि इस पेड़ की जड़े धरती में काफी गहराई तक जाती हैं। यह बड़ी ही तेजी से मिट्टी के पोषक तत्वों और पानी को सोख लेता है, जिससे मिट्टी की संरचना सूखी और बंजर होने लगती है। अगर आप इसका अच्छी तरह से विकास करना चाहते हैं, तो सिंचाई के लिए रोजाना इसमें लगभग 12 लीटर पानी लगता है। जबकि सामान्य प्रजातियों के पेड़ रोजाना 3 लीटर सिंचाई में ही तैयार हो जाते हैं। यदि सिंचाई ना मिले तो इस पेड़ की जड़ें जमीन से पानी (भूजल) को सोखना चालू कर देती है। ऐसा करने से आपके खेत की सामान्य मिट्टी पहले से सूखी हो जाती है जो बाकी फसल के लायक नहीं रह जाती है।

पर्यावरण के लिए नई चुनौती

कई मीडिया रिपोर्ट से पता चला है, कि जिन इलाकों में यूकेलिप्टस (Eucalyptus) यानी नीलगिरी की खेती की जा रही थी। वहां भूजल स्तर गिरता जा रहा है। इसके उत्पादन के कारण ही कई इलाकों को डेंजर जोन भी घोषित कर दिया गया है। पिछले कुछ सालों में किसानों ने बिना सोचे समझे और बिना पूरी जानकारी के हजारों नीलगिरी के पेड़ लगाए हैं। ताकि एक समय के बाद अच्छी आमदनी हो जाए। लेकिन थोड़ा मुनाफा लंबे समय के लिए दिक्कत पैदा कर सकता है। इसी के चलते कृषि एक्सपर्ट मानते हैं, कि अगर आप इस पेड़ को फिर भी लगाना चाहते हैं। कोशिश करें कि यह किसी नहर, तालाब या अन्य जल स्त्रोत के किनारे ही लगाया जाए।
यूकेलिप्टस का पौधा लगा कर किसान कर रहे हैं लाखों की कमाई; जाने कैसे लगा सकते हैं ये पौधा

यूकेलिप्टस का पौधा लगा कर किसान कर रहे हैं लाखों की कमाई; जाने कैसे लगा सकते हैं ये पौधा

आजकल किसान खेत में यूकेलिप्टस (Eucalyptus) का पेड़ लगा  रहे हैं.ऑस्ट्रेलिया मूल का यह पेड़ सीधा ऊपर की तरह बढ़ता है.भारत में इसे गम, सफेदा या नीलगिरी के नाम से भी जाना जाता है.इस पेड़ की लकड़ी की मार्किट में काफी ज्यादा डिमांड है और इसका इस्तेमाल पेटियां, ईंधन, हार्ड बोर्ड वगैरह, लुगदी, फर्नीचर, पार्टिकल बोर्ड और इमारतों में किया जाता है.

कितनी हो सकती है इस पेड़ से कमाई

इस पेड़ को लगाने में ज्यादा लागत नहीं लगती है और एक हेक्टेयर की भूमि पर लगभग 3000 पेड़ लगाए जा सकते हैं.अगर आप नर्सरी ये पौधा लेना चाहते हैं तो आपको एक पौधा 7 से 8 रुपए में मिल जाता है ऐसे में आप पेड़ खरीदने से लगाने तक का खर्चा 25000 रुपए मान सकते हैं.4-5 साल में एक पेड़ से 300-400 किलो लकड़ी मिल जाती है जो 6 से 7 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचीं जा सकती है. 
इस तरह से ये पेड़ लगा कर किसान 3 से 4 साल में लगभग 60 लाख रुपए कम सकते हैं.

यूकेलिप्टस (Eucalyptus) पेड़ के लिए कैसी जमीन है ज़रूरी

इस पेड़ की सबसे अच्छी बात है कि इसे किसी भी तरह की भूमि में उगाया जा सकता है.इसके अलावा इसकी बुवाई हर मौसम में की जा सकती है और यह पेड़ लगभग 90 मीटर तक ऊँचा हो सकता है. गहरी खुदाई करते हुए आप गड्ढे बना कर इस पेड़ को लगा सकते हैं. जमीन को 20 दिन पहले सिंचाई करते हुए तैयार किया जाता है और साथ ही बेहत उपज के लिए गोबर की खाद इस्तेमाल की जा सकती है. ये भी देखें: Eucalyptus यानी सफेदा का पौधा लगाकर महज दस साल में करें करोड़ों की सफेद कमाई!

यूकेलिप्टस (Eucalyptus) पौधे के लिए पानी

यूकेलिप्टस (Eucalyptus) के पेड़ को ज्यादा पानी की जरुरत नहीं होती है और इसमें 40-50 दिन के बीच में पानी दिया जा सकता है.इस पौधे में बीच बीच में खुदाई करते रहना ज़रूरी है ताकि इसे खरपतवार से बचाया जा सके. पूरा पेड़ 7 से 8 साल में पूरी तरह बड़ा हो जाता है.